संदेश

मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Love Shayari (लव शायरी )

चित्र
प्यार से देख लो प्यार से देख लो यूं ही मर जाएंगे  हर सितम आजमाना जरूरी नही Pyar Se Dekh Lo Yun Hi Mar Jaenge  Har Sitam aazmana Jaruri Nahin अजीब सा प्यार था अजीब सा प्यार था उसकी आंखों में  महसूस तक ना हुआ कि मुलाकात आखिरी है Ajeeb Sa Pyar Tha uski Aankhon Mein Mahsus tak na hua Mulakat Aakhri hai मुझे हमसफर तेरी मुझे हमसफर तेरी रफ्तार चलना ना आया  तेरे अपने दलाईल है, मेरे अपने मसाइल है Mujhe Humsafar Teri Raftaar Chalna Na Aaya  Tere Apne Dalayel hai, Mere Apne massile hai किसी ने पूछा इतना किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे  लिख लेती हो मैंने कहा दिल तोड़ना पड़ता हैलफ्जों को   जोड़ने से पहले Kisi Ne poochha Itna Achcha Kaise likh Leti Ho  Maine kaha Dil Todna padta hai Lafzon ko jodne Se Pahle दिल से रोए दिल से रोए मगर होठों से मुस्कुरा बैठे  यूं ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे  वह हमें एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का  और हम उनके लिए जिंदगी लुटा बैठे Dil Se Roye Magar Hothon Se Muskura Baithe  Yun Hi Ham Kisi Se Wa

ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा (Eid ki Namaz Padhne ka Tariqa)

चित्र
ईद की नमाज: अस्सलामुअलैकुम भाइयो और बहनो , आइये हम जानते हैं कि ईद की नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है और इसके पढ़ने के नियम क्या हैं? Eid Ki Namaz Ka Tarika यानी ईदुल फ़ित्र और ईदुल अज़्हा की नमाज़ पढ़ने का तरीका! ईदुल फ़ित्र ( Eid-ul-fitr ki Namaz)  और ईदुल अज़्हा ( Eid-ul-Azha ki Namaz ) की नमाज़ का तरीका एक जैसा ही है बस वक़्त बदल जाता है ! अब जानते है ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका! ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका –  सबसे पहले ईद की नमाज़ की नियत करेंगे ! नियत इस तरह से करेंगे पहले इस तरह नियत करें की मैं नियत करता हूं 2 रकात नमाज ईद उल फितर की (6) तकबीरौ के साथ साथ वास्ते अल्लाह के (मुकतदी इतना कहे कि और पीछे इस इमाम के)रूख  मेरा तरफ काबा शरीफ के अल्लाह हू अकबर कह कर कानों तक हाथ उठाएं ! और अल्लाह हू अकबर कहता हुआ हाथ बांध ले ! और सना पढ़ें ! *सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका* फिर कानों तक हाथ उठाएं और अल्लाह हू अकबर कहता हुआ हाथ छोड़ दें!  फिर कानों तक हाथ उठाएं और अल्लाह हू अकबर कहता हुआ हाथ छोड़ दे!  फिर का कानों तक हा

Sad Shayri ( उदास शायरी )

चित्र
एक नया जख्म मिला एक नया जख्म मिला एक नई  उमर मिली जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले Ek Naya Zakhm Mila Ek Nai  Umar Mili Jab Kisi Shahar Mein Kuchh Yaar Purane se mile तुम भी क्या याद करोगी तुम भी क्या याद करोगी कोई दोस्त हुआ करता था इतना चाहने वाला  हमें कोई दोस्त हुआ करता था Tum Bhi Kya Yad Karoge Koi dost Hua Karta Tha  Itna chahane wala Hamen  Koi dost Hua Karta Tha कितने हसीन दिन थे कितने हसीन दिन थे कितनी हसीन  रातें थी  मुझे हंसाने वाला कोई दोस्त हुआ करता था Kitne Hasin Din the Kitni Haseen Raatein thi  Mujhe hasane wala Koi dost Hua Karta Tha हर पल साथ देना मेरा हर पल साथ देना मेरा हर गम को बांटना  हर दुख समझने वाला कोई दोस्त हुआ करता था Har Pal Sath Dena Mera Har Gam ko Batna Har Dukh samajhne wala Koi dost Hua is Karta Tha जब रूठोगी तो जब रूठोगी तो कोई ना मनाएगा तो सोचोगी  मुझे मनाने वाला कोई दोस्त हुआ करता था जब Jab Ruthogi to koi na mnayega to sochagi Mujhe manane wala koi dost hua krta tha व

FriendShip Shayri (दोस्ती शायरी)

चित्र
आपकी दोस्ती हमारी सुरूर आपकी दोस्ती हमारी सुरूर का साज है  आप जैसे दोस्त पे हमें नाज है  चाहे कुछ भी हो जाए  दोस्ती वैसी ही रहेगी जैसे आज है Aapki dosti hamari surur ka saaz hai Aap jaise dost pe hame naaz hai Chahe kuch bhi ho jaye Dosti waisee  hi rehegi jaise aaj hai. आसमान से तोड़कर सितारा आसमान से तोड़कर सितारा दिया है आलम -ए-तन्हाई में एक शरारा दिया है  मेरी किस्मत भी नाज करती है मुझ पर  खुदा ने दोस्त ही इतना प्यारा दिया है! Aasmaan se torkar seetara diya hai Aalam-e-tanhayi me ek sarara diya hai Meri kismat bhi naz karti hai mujh per khuda ne dost hi itna piyara diya hai दोस्ती नाम है सुख-दुख की कहानी दोस्ती नाम है सुख-दुख की कहानी का  दोस्ती राज है सदा ही मुस्कुराने का यह कोई पल भर की जान पहचान नहीं है दोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का Dosti naam hai shukh dukh ki kahani ka Dosti raaz hai sada hi muskurane ka Yeh koi pal bhar ki jaan pehchan nhi hai Dosti wada hai umar bhar sath nibhane ka दोस्त का प्य