Sad Shayri ( उदास शायरी )
एक नया जख्म मिला
एक नया जख्म मिला एक नई उमर मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले
Ek Naya Zakhm Mila Ek Nai Umar Mili
Jab Kisi Shahar Mein Kuchh Yaar Purane se mile
तुम भी क्या याद करोगी
तुम भी क्या याद करोगी कोई दोस्त हुआ करता था
इतना चाहने वाला हमें कोई दोस्त हुआ करता था
Tum Bhi Kya Yad Karoge Koi dost Hua Karta Tha
Itna chahane wala Hamen Koi dost Hua Karta Tha
कितने हसीन दिन थे
कितने हसीन दिन थे कितनी हसीन रातें थी
मुझे हंसाने वाला कोई दोस्त हुआ करता था
Kitne Hasin Din the Kitni Haseen Raatein thi
Mujhe hasane wala Koi dost Hua Karta Tha
हर पल साथ देना मेरा
हर पल साथ देना मेरा हर गम को बांटना
हर दुख समझने वाला कोई दोस्त हुआ करता था
Har Pal Sath Dena Mera Har Gam ko Batna
Har Dukh samajhne wala Koi dost Hua is Karta Tha
जब रूठोगी तो
जब रूठोगी तो कोई ना मनाएगा तो सोचोगी
मुझे मनाने वाला कोई दोस्त हुआ करता था जब
Jab Ruthogi to koi na mnayega to sochagi
Mujhe manane wala koi dost hua krta tha
वह याद तो क्या करेगी
वह याद तो क्या करेगी अक्सर आलमें तन्हाई में
जाहिर मुझे तंग करने वाला कोई दोस्त हुआ करता था
Wah yad to kya kregi aksar aalme tanhayi me jahir
Mujhe tang karne wala koi dost hua krta tha
हमने सुना था
हमने सुना था कि दोस्त वफा करते हैं
जब हमने भरोसा किया तो रवायत ही बदल गई
Humne suna tha ki dost wafa karte hain
Jab humne bharosa kiya to rawayet hi badal gyi
इस कहत दोस्ती
इस कहत दोस्ती में कोई मुझसे क्या मिले
खुद अपने आप को भी मैंसर नहीं हूं मैं
Iss kahat dosti me koi mujhse kya mile
khud apne aap ko bhi mesar nhi hun me
दोस्ती में दोस्त खुदा
दोस्ती में दोस्त खुदा का होता है
महसूस तब होता है जब वह जुदा होता है
Dosti me dost khuda ka hota hai
Mahsoos tab hota hai jab wah juda hota hai.